पाँच वस्तुओं का समाहार, उर्दू नज्म का एक प्रकार जिसमें पाँच मित्रे हर बंद में होते हैं, ग़ज़ल के दो मिस्रों पर तीन मिस्रे बढ़ाकर उसे भी खम्सः किया जाता है।